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India News (इंडिया न्यूज), Mahendragarh Police News : स्थानीय पुलिस द्वारा नाजायज तरीके से गिरफ्तार करने व झूठे आरोप में जेल भेजने पर युवक ने मुकदमे के अनुसंधान अधिकारी समेत आधा दर्जन से अधिक पुलिस कर्मचारी व अधिकारियों के खिलाफ स्थानीय अदालत में कंप्लेंट दायर की है। उपमंडल के गांव मालड़ा बास निवासी राजेश कुमार ने अदालत में डाली गई कंप्लेंट में आरोप लगाया कि 23 मार्च 2023 को थाना शहर महेंद्रगढ़ में दर्ज मुकदमा नंबर 83 में स्थानीय पुलिस ने शिकायत में उनका नाम न होने के बावजूद उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा कर गिरफ्तार कर लगभग 19 दिनो तक पुलिस न्यायिक हिरासत व जेल भेज दिया गया।
जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने उक्त झूठे मुकदमे का अनुसंधान दूसरे जिले में करवाने के लिए तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात की। अनिल विज ने उक्त मुकदमे के अनुसंधान के लिए एसआईटी गठित कर फिरोजपुर झिरका डीएसपी को जांच सौंप दी। फिरोजपुर झिरका एसआईटी ने उक्त मुकदमे में राजेश कुमार को निर्दोष करार दिया। साथ ही उक्त मुकदमे में सभी आरोपियों पर लगाए गए आरोप झूठे पाए। शिकायतकर्ता ने महेंद्रगढ़ मुकदमे के अनुसंधान कर्मचारी पीएसआइ रवि मेहरा सहित आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों के खिलाफ 211/219/220/368/384/389/420/465/467/468/471/500/ 504/506/120-बी आईपी के तहत अदालत में कंप्लेंट दायर की है ।
राजेश कुमार की डाली गई कंप्लेंट के अधिवक्ता महेंद्र सिंह यादव एडवोकेट ने बताया कि मेरे क्लाइंट की पत्नी स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में संवाददाता है, जिसने 20 मार्च 2023 को पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर एक समाचार प्रकाशित किया था। जिससे स्थानीय पुलिस ने द्वेष भावना से पुलिस के खिलाफ समाचार प्रकाशित होने पर तीन दिन बाद ही मेरे क्लाइंट को शिकायत में नाम न होने के बावजूद महेंद्रगढ़ थाना शहर में दर्ज किसी मुकदमे में बेवजह गिरफ्तार कर लिया।
महेंद्रगढ़ पुलिस के झूठे षड्यंत्र के कारण राजेश कुमार को लगभग 19 दिनों तक पुलिस कस्टडी व जेल में रहना पड़ा था। महेंद्र यादव अधिवक्ता ने बताया कि अदालत में डाली गई कंप्लेंट में लगाई गई धाराओं में दोष सिद्ध हो जाने पर 10 साल से लेकर उम्र कैद तक सजा का प्रावधान है।