India News (इंडिया न्यूज), Dengue Cases in Haryana, चंडीगढ़ : हरियाणा में जुलाई के बाद मच्छर जनित डेंगू के मामलों में बेहद तेजी आई है और इसके चलते लगातार संक्रमण भी फैला है। स्थिति ये है कि हरियाणा में जुलाई के दूसरे सप्ताह तक महज 72 केस ही रिपोर्ट हुए थे, लेकिन पिछले डेढ़ महीने में स्थिति ये हो गई है कि हररोज प्रदेश में 80 से ज्यादा केस सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में रिपोर्ट हो रहे हैं।
इतना ही नहीं कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है। प्रदेश के कई जिलों में बीमारी के मामले चिंताजनक स्तर तक पहुंच चुके हैं। ये भी बता दें कि हरियाणा में दूसरे राज्यों के साथ लगते प्रदेश के जिलों में बाहर से भी मरीज आ रहे हैं। साथ लगते हिमाचल से बड़े पैमाने पर इलाज के लिए मरीज पंचकूला का रूख करते हैं। इसके मद्देनजर कालका और परवाणु के अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के लिए 6 जून, 2023 को हिमाचल प्रदेश राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक सीमा पार बैठक आयोजित की गई। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश राज्य के साथ एक सीमा पार बैठक 24 अप्रैल, 2023 को वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक, आरओएचएफडब्ल्यू, भारत सरकार, चंडीगढ़ की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी।
हालांकि पिछले साल की तुलना में मामलों में कमी है जो राहत देने वाली हाती है। लेकिन ये भी बता दें कि इस साल 11 जुलाई तक हरियाणा में जहां महज 72 ही मरीज रिपोर्ट हुए, उनकी संख्या 17 अक्टूबर तक 95 दिन की अवधि में बढ़कर 5189 हो गई।
इस लिहाज से पिछले करीब डेढ़ महीने की अवधि में हर रोज औसतन 80 मरीज रिपोर्ट हो रहे हैं। हालांकि पिछले साल की तुलना में मामलों में कमी है, लेकिन फिलहाल परिस्थितियां बीमारी फैलने के अनुकूल हैं तो केसिज में बढ़ोतरी संभव है। पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के चलते मामले कम हुए हैं।
साल 2015 में प्रदेश में कुल 9921 डेंगू के केस आए थे। वहीं साल 2016 में 2494 केस रिपोर्ट हुए। इसके बाद 2017 में 4550 और 2018 में नए मामलों में व्यापक स्तर पर कमी दर्ज की गई। इस साल बीमारी के कुल 1936 मामले रिपोर्ट हुए। फिर साल 2020 में 1377 केस कंफर्म हुए। इसके बाद साल 2021 में डेंगू के मामलों में कई गुना इजाफा हुआ है और एक साल की अवधि में 11836 मामले कंफर्म हुए। फिर अगले साल 2022 में 8996 नए केस आए। 2023 में अब तक 5189 मामले आ चुके हैं।
हरियाणा में बीमारी से अब तक 4 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि माना जा रहा है कि ज्यादा लोगों की मौत बीमारी से हुई है लेकिन विभाग द्वारा कुछ मौत को संदिग्ध मौत की कैटेगरी में रखा है। वहीं ये भी बता दें कि हरियाणा में पिछले साल 2022 में बीमारी से सबसे ज्यादा 18 लोगों की मौत हुई थी वहीं 2015 में बीमारी ने 13 लोगों की जान ले ली। 2016 से लेकर साल 2020 तक 5 साल की अवधि में बीमारी से कोई मौत नहीं हुई है। साल 2015 से लेकर 2023 तक करीब पौने 9 साल की अवधि में कुल 48 लोगों की मौत हई है। इस लिहाज से हर साल औसतन 5 से ज्यादा लोगों की मौत बीमारी के चलते हई है।
प्रदेश के चरखी दादरी में इस साल सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं। वहां अब तक बीमारी के कुल 571 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा अंबाला में 397, पंचकूला में 424, यमुनानगर में 385, हिसार में 363 और रेवाड़ी में 362 लोग बीमारी की चपेट में आए हैं। वहीं झज्जर में 298, जींद में 2255 और करनाल में 22286 लोगों बीमारी से संक्रमित हुए। रोहतक में 271, सोनीपत में 239 और गुरुग्राम में कुल 233 डेंगू के केस रिपोर्ट हुए हैं। फरीदाबाद में 143, कुरुक्षेत्र में 192, पानीपत में 186 और सिरसा में 191 लोग संक्रमित हुए हैं।
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अगर तुलनात्मक रुप से देखें तो हरियाणा में अकेले सितंबर में करीब 3 हजार नए डेंगू के मामले आए। हरियाणा में इस साल 31 अगस्त तक 1459 मामले रिपोर्ट हुए थे। वहीं अब तक कुल 5189 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इस लिहाज से इस अवधि में 3730 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा हरियाणा में मलेरिया और चिकनगुनिया के भी मामले लगातार रिपोर्ट हो रहे हैं। 31 अगस्त तक हरियाणा में मलेरिया के 41 मामले कंफर्म हुए तो चिकनगुनिया के 72 केस रहे। इसके बाद अब तक मलेरिया के कुल 79 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं। वहीं चिकनगुनिया के मामलों में कई गुना इजाफा हुआ। अब तक 379 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं।
डेंगू के मरीजों के लिए सिविल अस्पताल में 154 वार्ड और 978 बिस्तर आरक्षित रखे गए हैं। घर-घर स्रोत कटौती गतिविधियां यानी160 मच्छरों के प्रजनन स्रोतों की पहचान और उन्मूलन किया जा रहा है। स्रोत कटौती गतिविधियों को मजबूत करने के लिए 1 जुलाई से सभी जिलों में 590 घरेलू प्रजनन जांचकर्ता (डीबीसी) तैनात किए गए हैं। स्रोत कटौती गतिविधियों को मजबूत करने के लिए 1 जुलाई से सभी जिलों में 590 घरेलू प्रजनन जांचकर्ता (डीबीसी) तैनात किए गए हैं। पिछले वर्ष जिला पंचकुला के कालका/पिंजौर क्षेत्र में डेंगू के प्रकोप को देखते हुए 1 अप्रैल 2023 से 50 डीबीसी पहले ही तैनात किए जा चुके हैं।
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