Electricity-Drinking Water Crisis In Haryana : प्रदेश में गहराया बिजली-पेयजल संकट, सरकार नींद में सोई : कुमारी सैलजा

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Electricity-Drinking Water Crisis In Haryana
प्रदेश में गहराया बिजली-पेयजल संकट, सरकार नींद में सोई : कुमारी सैलजा
  • प्रदेश भर में बिजली, पानी को लेकर हो रहे है धरना-प्रदर्शन
  • जो सरकार जनता को मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध न करवा सके सत्ता में रहने का हक नहीं

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Electricity-Drinking Water Crisis In Haryana : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, नवनिर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में गर्मी का सितम जहां लोगों की परेशानी का कारण बना हुआ है, वहीं तपती गर्मी में पेयजल संकट जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहा है। प्रदेश भर में बिजली, पानी को लेकर धरना प्रदर्शन और रास्ते जाम हो रहे है पर सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी हुई है। जो सरकार जनता को मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध न करवा सके उसे एक पल भी सत्ता में रहने का हक नहीं है, झूठे वायदे और जनता का भला होने वाला नहीं है।

Electricity-Drinking Water Crisis In Haryana : प्रदेश भर में बिजली संकट गहराया

मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि एक ओर प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि उसके पास पर्याप्त बिजली है तो दूसरी ओर प्रदेश भर में बिजली संकट गहराया हुआ है, रातभर अघोषित कट लग रहे है, गर्मी से बुजुर्ग और बच्चे सबसे ज्यादा परेशान है। लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा, जलघरों की डिग्गियां सूख रही है। भीषण गर्मी में लोग जान बचाने के लिए 600 से 800 रुपये प्रति टैंकर पानी का खरीदकर गुजारा कर रहे है। जिस प्रदेश के लोग खरीदकर पानी पीने को मजबूर हो जाए ऐसी सरकार को एक पल भी सत्ता में रहने का हक नहीं हैं।

विकास के दावे खोखले

उन्होंने कहा कि रोहतक के सुनारियां गांव में पानी और बिजली दूर की कौड़ी बन गई हैं। पिछले दस दिनों से गांव के नल सूखे पड़े हैं और बिजली के अवरोध ने जीवन को और भी कठिन बना दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पानी और बिजली की अनुपलब्धता का समाधान न होना एक बड़ी चिंता का विषय है। यह न केवल ग्रामीणों के जीवन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विकास के दावे कितने खोखले हैं।

सरकार को बयानबाजी छोड़ जनता की मूलभूत जरूरतों पर चाहिए

उन्होंने कहा कि जनता का संदेश स्पष्ट है अगर सरकार पानी नहीं दे पा रही है, तो वह उसे वोट नहीं देगी। उन्होंने कहा कि बिजली संकट की बात करे तो सिरसा जिला में दो गांवों के लोगों ने बिजली आपूर्ति संकट को लेकर चुनाव में मतदान तक का बहिष्कार कर दिया था, सरकार के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि चरखी दादरी में पेयजल और बिजली की समस्या बनी हुई है।

लोगों ने बिजली पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन और रास्ता जाम किया। प्रदेश में तापमान 45 से 50 डिग्री के बीच रहा ऐसे में  लोगों को बिजली-पानी संकट का सामना करना पड़ा। यहीं हाल गुरुग्राम में रहा जहां पर भीषण गर्मी के बीच पानी और बिजली की समस्या से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार को बयानबाजी छोड़कर जनता की मूलभूत जरूरतों खासकर बिजली पानी का प्रबंध करने की ओर ध्यान देना चाहिए।

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