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Haryana Election Result Guess : भाजपा और कांग्रेस कम से कम चार सीट पर जीत पक्का मान रहे

  • भाजपा करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार में जीत पक्की मान रही तो कांग्रेस रोहतक, सोनीपत, सिरसा और भिवानी-महेंद्रगढ़ में जीत को लेकर आश्वस्त 

डॉ. रविंद्र मलिक, India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Election Result Guess : हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में महज अब कुछ ही दिन बचे हैं और तमाम सियासी दल ज्यादा से सीट जीतने का दावा कर रहे हैं। प्रदेश में 25 मई को वोटिंग के बाद अब राजनीतिक दलों ने समीक्षा शुरू कर दी है। कुछ दिन पहले भाजपा की रिव्यू मीटिंग हुई थी जिसमें इंटरनल रिपोर्ट पेश की गई।

सत्ताधारी दल भाजपा और मुख्य विपक्ष दल कांग्रेस ने रिव्यू बैठकों में अपनी पार्टी के नेताओं, कैंडिडेट्स और वर्करों से पार्टी की परफोरमेंस के बारे में जानकारी ली। भाजपा  करीब 3 घंटे तक चली बैठक में सामने आया कि भाजपा का आंकलन हरियाणा में दो सीटों को छोड़कर बाकी सीटों पर आगे रहने का है तो वहीं ऐसा ही आंकलन कांग्रेस की समीक्षा बैठक में आया। दोनों पार्टियों के इंटरनल रिपोर्ट में सामने आया है कि दोनों पार्टियों चार-चार सीट पर फिलहाल अपनी जीत पक्की मानकर चल रही हैं। दोनों पार्टियों की रिपोर्ट में एक बात बड़ा पहलू यह भी है कि किसी की भी रिपोर्ट में ज्यादातर सीटों पर पार्टी को एक तरफ जीत दर्ज करते हुए नहीं बताया गया।

Haryana Election Result Guess : भाजपा की समीक्षा- 2 सीटों पर हालत ठीक नहीं, चार पर जीत पक्की

जैसा कि शुरू से ही कहा जा रहा है कि भाजपा की स्थिति रोहतक और सिरसा लोकसभा में ठीक नहीं है और अब पोलिंग के बाद भी भाजपा की इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक भी 2 सीटें सिरसा और रोहतक की रिपोर्ट खराब मिली है। पार्टी चार सीटों पर खुद को जीता हुआ मानकर चल रही है। इन सीटों में करनाल, गुरुग्राम, हिसार और फरीदाबाद। पार्टी का मानना है कि करनाल में बड़े मार्जिन से वह जीतने जा रही है।

लोकसभा सीट करनाल पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने उनके खिलाफ दिव्यांशु बुद्धिराजा को टिकट दी है। इसके अलावा पार्टी गुरुग्राम में भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त बताई जा रही है। उपरोक्त छह सीट के बाद बची हुई 4 सीटें सोनीपत, अंबाला, कुरुक्षेत्र और भिवानी-महेंद्रगढ़ पर कांग्रेस से भाजपा की सीधी टक्कर है। पार्टी नेताओं का ये भी मानना है कि जीत भाजपा की ही होगी, लेकिन जीत का मार्जिन कम हो जाएगा।

पोलिंग के बाद कांग्रेस की सर्वे रिपोर्ट भी आई सामने, पार्टी चार सीट पर जीत मान रही

हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस भी लगातार चुनाव के बाद हार-जीत को लेकर मंथन कर रही है और पार्टी की इंटरनल रिपोर्ट में सामने आया कि वह कम से कम चार सीट जीत रही है। इसके अलावा तीन सीट पर उसकी सीधी टक्कर है। इसके अलावा सर्वे रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दो सीट पर कांग्रेस हारने वाली है। इनके अलावा इंडी गठबंधन के तहत आप जिसको कुरुक्षेत्र सीट दी गई है, उसकी स्थिति भी ठीक-ठाक है।
आप के साथ गठबंधन वाली कुरुक्षेत्र सीट की रिपोर्ट अच्छी मानी जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार भाजपा, इंडी गठबंधन और इनेलो में त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा ने यहां से उद्योगपति नवीन जिंदल, आप-कांग्रेस ने डॉ. सुशील गुप्ता और इनेलो ने अभय सिंह चौटाला को उम्मीदवार बनाया है। ये भी बता दें कि नेताओं के मंथन से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी पार्टी के विधायकों से सभी 10 लोकसभा सीटों का फीडबैक ले चुके हैं। हालांकि, पार्टी के सभी विधायकों ने गठबंधन सहित सभी दस सीट पर कड़ी टक्कर बताई है। विधायकों ने यह भी फीडबैक दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़े वोटिंग प्रतिशत से शहरों के मुकाबले कांग्रेस को बड़ी बढ़त है।

भाजपा और कांग्रेस दोनों बोगस वोटिंग को लेकर भी आमने-सामने

लोकसभा चुनाव में बोगस वोटिंग के आरोपों को लेकर भी बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने हैं। पोलिंग के बाद समीक्षा रिपोर्ट के बाद पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कांग्रेस पर न केवल बोगस वोटिंग के आरोप लगाए बल्कि कुछ अधिकारियों को काली भेड़ तक कह दिया था। वो कह चुके हैं कि प्रशासन में कुछ काली भेड़े हैं, जिनको मौके पर नहीं पकड़ा जाता, लेकिन बाद में देखने पर पता चल जाता है।

उनकी रिपोर्ट भी बाद में आती है, लेकिन 6 जून के बाद उन सब पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कई जगह से कांग्रेस द्वारा बोगस वोटिंग की शिकायतें आई हैं और उन जगहों पर बोगस वोटिंग हुई है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इस पूरे मामले को लेकर वीरवार को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल को घेरते हुए कहा कि भाजपा को चुनाव में अपनी हार साफ दिख रही है और इसके चलते बोखलाहट में वह अधिकारियों-कर्मचारियों पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।

भाजपा को किसानों और जाटों से नुकसान का भय, शहर में भाजपा को फायदा

भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में किसान तबका लगातार पार्टी की मुखालफत करता नजर आया है। कृषि कानून के बाद भी कई मुद्दों पर किसान वर्ग और भाजपा सरकार आमने-सामने रहे। इसके अलावा जाट समुदाय के साथ भाजपा सरकार की अनबन लगातार धरातल पर नजर आती रही। इसमें मुख्य रूप से किसानों और महिला पहलवानों के मुद्दे पर ग्रामीण एरिया में भाजपा को नुकसान की संभावना नजर आ रही है।

भाजपा की इंटरनल रिपोर्ट में भी सामने आया है कि ग्रामीण एरिया में पार्टी को जाट समुदाय और किसानों से नुकसान की संभावना ज्यादा है।कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में किसानों और जाटों ने एकजुट होकर पार्टी कैंडिडेट के पक्ष में वोटिंग करने की बात कही गई है। भाजपा नेताओं को भी शुरू से ही इस बात का अच्छे से इल्म था कि किसान और जाट बिरादरी के रोष के चलते पार्टी को नुकसान की संभावना है। हालांकि दूसरी तरफ यह बता दें कि शहरी इलाकों में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा वोट मिलने की संभावना है। शहरी इलाकों में भाजपा की शुरू से ही ठीक-ठाक पकड़ है इसके चलते कांग्रेस को शहरों में नुकसान हो सकता है।

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Amit Sood

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