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Hooda on SYL Issue : भाजपा-जजपा सरकार का रवैया और भूमिका नकारात्मक : भूपेंद्र हुड्डा  

• LAST UPDATED : October 6, 2023

India News (इंडिया न्यूज), Hooda on SYL Issue, चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एसवाईएल को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार के नकारात्मक रवैये की वजह से ही आज तक एसवाईएल का मामला अटका हुआ है, जबकि फरवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में स्पष्ट फैसला सुनाया था।

इसके बाद जुलाई 2020 में बाकायदा उच्चतम न्यायालय की तरफ से पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए थे। कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा के तमाम दलों ने राष्ट्रपति से भी मुलाकात की थी। उसी समय कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मिलने का सुझाव भी दिया था। सरकार ने इसके लिए प्रधानमंत्री से वक्त मांगने की बात कही थी। लेकिन आज तक ऐसा कुछ नहीं हुआ।

एसवाईएल का पानी हरियाणा का हक

कांग्रेस द्वारा बार-बार कहा गया कि पंजाब सरकार सुप्रीमकोर्ट के फैसले की अवहेलना कर रही है, लेकिन हरियाणा सरकार बेनतीजा बैठकें करके समय व्यतीत करती रही। अब सुप्रीमकोर्ट द्वारा एक बार फिर अपने फैसले को दोहराया गया, लेकिन हैरानी की बात है कि हरियाणा के हक का पानी लेने की बात को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री इसे सिर्फ नहर निर्माण का मामला मानकर चल रहे हैं जबकि एसवाईएल का पानी हरियाणा का हक है और ये प्रदेश की किसानी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

सरकार एसवाईएल मुद्दे को गंभीरता से ले

सरकार को इस मुद्दें को गंभीरता से लेना चाहिए। यह पानी मिलने से प्रदेश की 10 लाख एकड़ से ज्यादा भूमि पर सिंचाई संभव हो पाएगी। हुड्डा ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस ने कोर्ट से लेकर हर मंच पर प्रदेश के हक की लड़ाई लड़ी है। कोर्ट में कांग्रेस सरकार ने मजबूती के साथ हरियाणा का पक्ष रखा, जिसके चलते प्रदेश के हक में कोर्ट का फैसला आया। लेकिन इसको अमलीजामा पहनाने के लिए भाजपा सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।

प्रदेश में अक्सर अलग-अलग राजनीतिक दलों के बीच बहस होती है कि कौन-सी पार्टी की सरकार में एसवाईएल बनवाने के लिए कितना काम हुआ। लेकिन भाजपा हरियाणा के इतिहास की इकलौती ऐसी सरकार है, जिसमें काम आगे बढ़ने की बजाय पंजाब के क्षेत्र में बनी-बनाई एसवाईएल नहर को पाट दिया गया। यानी अब तक हरियाणा को उसके हक का पानी दिलवाने के मामले में भाजप-जजपा सरकार की भूमिका नकारात्मक रही है।

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