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PM Modi Praised Rao Inderjit : पीएम मोदी के राव इंद्रजीत की तारीफ के मायने, भाजपा-राव इंद्रजीत दोनों को एक-दूसरे की जरूरत  

  • पीएम मोदी ने रेवाड़ी में संबोधन के दौरान राव इंद्रजीत को बताया मित्र

  • पिछले कुछ समय से हरियाणा भाजपा द्वारा मिल रहे झटकों के बाद मिली राहत 

India News (इंडिया न्यूज़), PM Modi praised Rao Inderjit, चंडीगढ़ : भाजपा लोकसभा मिशन 2024 को लेकर निरंतर प्रयासरत है, ताकि बड़े अंतर और खुद के बूते पर सरकार बनाई जा सके। भाजपा हाईकमान छोटे राज्यों में भी कोई रिस्क नहीं ले रही और इसी कड़ी में हरियाणा भाजपा को स्पष्ट निर्देश हैं कि हर हाल में सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करनी है। पार्टी उन दिग्गजों पर निरंतर नजर बनाए हुए है जो किसी न किसी कारण पार्टी से नाराज चल रहे हैं और इसी कड़ी में रेवाड़ी रैली में संबोधन के दौरान काफी समय से पार्टी से नाराज चल रहे दिग्गज नेता राव इंद्रजीत की पीएम मोदी की तारीफ ने बड़े सियासी संकेत दिए हैं।

राव इंद्रजीत लंबे समय से भाजा नेतृत्व से नाराज

इससे कहीं न कहीं लंबे समय से पार्टी के अंदर ही झटके झेल रहे राव इंद्रजीत को पीएम मोदी द्वारा तारीफ के चलते कहीं न कहीं बूस्ट तो मिला है वहीं दूसरा ये संकेत भी मिला है कि वोटर्स के बीच होल्ड रखने वाले नाराज चल रहे नेताओं को पार्टी से छिटकने न दिया जाए। ये किसी से छिपा नहीं है कि कई कारणों के चलते राव इंद्रजीत लंबे समय से हरियाणा भाजपा नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं।

इसके पीछे मुख्य रूप से दो कारण हैं-पहला है उनकी बेटी को पिछली बार पार्टी का टिकट नहीं मिलना और जरुरी तवज्जो नहीं मिलना और दूसरा है उनके विरोधियों को पिछले कुछ समय में राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर संगठन में बड़े पद व तवज्जो मिली है। राव इंद्रजीत को मित्र बताते हुए और उनकी तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि वो बोलते कम हैं लेकिन जिस काम को करने में पीछे लग जाते हैं, उसको पूरा करके ही दम लेते हैं।

रैली के दौरान दर्जनभर सीटों को साधने की कोशिश

भाजपा ने रेवाड़ी रैली को लेकर कहा है कि इसके पार्टी दक्षिणी हरियाणा में पड़ने वाली हरियाणा अलग-अलग जिलों की 14 सीटों को साधने की कोशिश है। इन 14 विधानसभा सीटों रेवाड़ी, बावल, कोसली, महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगल चौधरी, गुरुग्राम, सोहना, बादशाहपुर, पटौदी, नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना शामिल हैं। पिछले कुछ समय से हरियाणा कांग्रेस ने भी दक्षिण हरियाणा में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और खुद को मजबूत करने के लिए कांग्रेस दिग्गज निरंतर प्रयासरत हैं तो इसको देखते हुए हरियाणा भाजपा यहां ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने के लिए हर कोशिश कर रही है। चूंकि दक्षिण हरियाणा की अहीरवाल बेल्ट राव इंद्रजीत का खासा प्रभाव है, इसीलिए उनकी अनदेखी करना संभव नहीं है।

राव इंद्रजीत का दक्षिण हरियाणा में प्रभाव, अहीरवाल का प्रदेश की राजनीति में अहम रोल

राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा की अहीरवाल बेल्ट में बड़ा राजनीतिक चेहरा हैं और हर बार चुनाव में वो इसे साबित भी करते रहे हैं। उनका कद देखते हुए राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम लोकसभा सीट से लगातार 2 बार 2014 और 2019 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और दोनों ही बार जीत दर्ज करते हुए केंद्र सरकार में राज्यमंत्री बने। राव इंद्रजीत सिंह 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। दक्षिण हरियाणा के कई दिग्गजों पर उनका वरदहस्त भी है।

राव इंद्रजीत को मिला बूस्ट

जिस तरह से पीएम मोदी ने राव इंद्रजीत की तारीफ की है, उससे राव इंद्रजीत को बड़ा बूस्ट मिला है। सार्वजनिक मंचों पर वो हरियाणा की भाजपा सरकार को अलग तरीके से घेरते रहे हैं जिसके चलते कहीं न कहीं पार्टी को परेशानी भी हुई है। वो लंबे समय से कशमकश में चल रहे थे और जिसके चलते कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। अब पीएम मोदी द्वारा उनकी तारीफ किए जाने से कहीं न कहीं हरियाणा भाजपा को भी एक मैसेज गया है कि वो राव इंद्रजीत को हलके में न लें और उनको बराबर तवज्जो मिले।

भाजपा ने पिछले कुछ महीने में राव इंद्रजीत को लगातार झटके दिए

राव इंद्रजीत ने बेटी आरती राव को राजनीतिक में आगे बढ़ाने के लिए पिछले कुछ समय लगातार भाजपा पर दबाव बनाया है और राव की दबाव वाली राजनीति के चलते बीजेपी ने कुछ समय से राव इंद्रजीत सिंह को कई जोर के झटके दिए हैं। पिछले दिनों भाजपा ने वाड़ी से विधायक रह चुके रणधीर सिंह कापड़ीवास की घर वापसी कराई। करीब साढ़े 4 साल पहले कापड़ीवास की बगावत के चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित कराने वाले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं था।

कापड़ीवास ने राव इंद्रजीत सिंह पर ही पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट कटवाने का आरोप लगाते हुए बागी होकर रेवाड़ी सीट से चुनाव लड़ा था, जिसकी वजह से यहां राव इंद्रजीत सिंह के समर्थित भाजपा प्रत्याशी सुनील मुसेपुर की हार हुई। दोबारा सरकार बनने पर सबसे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खास और राव इंद्रजीत के धुर विरोधी डॉ. अरविंद यादव को हरको बैंक का चेयरमैन बनाकर राव इंद्रजीत सिंह को पहला झटका दिया गया था। डॉ. अरविंद यादव फिलहाल पर्यटन निगम के चेयरमैन हैं।

इससे पहले गुरुग्राम से ही ताल्लुक रखने वाले भूपेंद्र यादव को केंद्र सरकार में उनसे बड़े ओहदे का मंत्रालय देकर मंत्री बनाया गया। इसके बाद पिछले साल उनकी धुर विरोधी डॉ. सुधा यादव को संसदीय बोर्ड में शामिल कर लिया गया। अब कुछ समय पहले ही प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए नायब सैनी ने अपनी नई टीम में ज्यादातर राव विरोधी नेताओं को ही जगह दी है। इसमें हरियाणा की पूर्व डिप्टी स्पीकर रही संतोष यादव और जीएल शर्मा को पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष तो उनके एक और विरोधी पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह को भी संगठन में एडजस्ट करते हुए लोकसभा चुनाव प्रभारी बना दिया गया।

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Amit Sood

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