Body Builder Parveen Nandal : हार नहीं मानी बेटे को घर पर ही ठीक किया
माता-पिता ने भी हार नहीं मानी बेटे को घर पर ही ठीक किया और फिर प्रवीण ने भी अपने मन में यह ठान ली थी कि वह इस दुबले पतले शरीर को इस कदर मजबूत कर देगा कि जो भी देखें एक बार दांतों तले उंगली दबा ले। कक्षा सातवीं से ही प्रवीण ने अपने इस बॉडी बिल्डिंग के सफर को शुरू किया। 2006 में प्रवीण नांदल ने मिस्टर हरियाणा का खिताब हासिल किया और उसके बाद मिस्टर इंडिया का खिताब और एक के बाद एक एक कई खिताब और चैंपियनशिप जीती। 2023 में प्रवीण नांदल ने मिस्टर रशिया का खिताब अपने नाम किया।
संघर्षों में भी नहीं मानी हार
इस सफर में प्रवीण नांदल की कई बार इंजरी भी हुई प्रवीण नांदल बताते हैं कि एक्सरसाइज करते समय एक बार उनके सीने में भी बड़ी इंजरी हो गई थी, उसके बाद उनके हाथ में भी इंजरी हुई। सर्जरी करा कर फिर वह जिम लौटे और फिर से संघर्ष किया और आज प्रवीण ने आयरन वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप अपने नाम की। प्रवीण नांदल ने बताया कि 2020 में वह करोड़ों वायरस की चपेट में भी आ गए थे पर हार नहीं मानी कोरोना से रिकवर करने के बाद उन्होंने करीब 5 से 7 घंटे जिम में प्रैक्टिस की और अपने आप को इस काबिल बनाया। हरियाणा के छोरे प्रवीण नांदल के अगर कोई रिकॉर्ड और मेडल ट्राफियां गिरना शुरू करें तो घंटा बीत जाएंगे।
प्रवीण नांदल की उपलब्धियां
प्रवीण नांदल ने 2005-06 में इंटर कॉलेज में गोल्ड, 2007-08 में स्टेट चैंपियनशिप में गोल्ड, 2006 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप ग्वालियर में सिल्वर, 2008 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप आनंदपुर साहिब में कांस्य, 2009 में नॉर्थ इंडिया चैंपियनशिप में कांस्य और 2012 में ओपन रशिया कप में गोल्ड मेडल हासिल किया। 2013 में यूक्रेन में हुई यूरोपियन ऐमेचर चैंपियनशिप में बॉडी बिल्डिंग में गोल्ड जीतकर नया मुकाम हासिल किया। वर्ष 2014 में आयोजित वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप और 2015 में मिस्टर ओलंपिया में भी प्रवीन का प्रदर्शन बेहतर रहा। 2015 में प्रवीन ने हरियाणा बॉडी बिल्डिंग सीनियर चैंपियनशिप में गोल्ड, 2015 में ओपन स्टेट चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। 2016 में मिस्टर इंटरनेशनल इंडियन बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में प्रवीन टॉप-5 में रहा। 2017 में फिनलैंड में आयोजित चैंपियनशिप मिस्टर यूनिवर्स बने। 2023 में रसिया में मिस्टर रशिया बने।
जरूरतमंदों की करते हैं मदद, देते हैं फ्री कोचिंग
प्रवीण नांदल एक जिम चलाते हैं, करीब 80 से ज्यादा बच्चे उनके पास प्रैक्टिस करते हैं और कुछ डॉक्टर और अधिकारियों का समय अलग से निर्धारित किया गया है। प्रवीण उन जरूरतमंद बॉडी बिल्डर और स्पोर्ट्समैन को फ्री कोचिंग देते हैं जो आर्थिक स्थिति से कमजोर है। प्रवीण कहते हैं कि ऐसे बच्चों के लिए उनकी जेब हमेशा खुली रहती है जो कुछ कर गुजरने की चाह रखते हैं। वह बच्चों को भी यही संदेश देते हैं कि नशा बड़ी आसानी से मिल जाता है और बड़ी आसानी से ही शरीर को मौत के मुंह तक ले जाता है। खेल और सेहत ही है जो आपको एक जिंदादिली का एहसास दिलाता है तो नशे से दूर रहकर एक अच्छा स्पोर्ट्समैन बनो और स्वस्थ रहो।