प्रदेश की बड़ी खबरें

Deependar Won Rohtak Lok Sabha Seat : रोहतक हॉट सीट को मिला 20वां सांसद, दीपेंद्र के सिर सजा जीत का ताज़

  • रोहतक लोकसभा सीट से दीपेंद्र हुड्‌डा ने हरियाणा में सबसे बड़े अंतर के साथ की जीत दर्ज़ 

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Deependar Won Rohtak Lok Sabha Seat : रोहतक लोकसभा सीट से दीपेंद्र हुड्‌डा ने हरियाणा में सबसे बड़े अंतर के साथ जीत दर्ज़ की है। दीपेंद्र 3,37000 वोटों से अरविंद शर्मा से आगे रहे। दीपेंद्र की इस रिकॉर्ड तोड़ जीत से कार्यकर्ताओं में ख़ुशी का माहौल है। हुड्डा पिता-पुत्र के नाम जीत की हैट्रिक लगाने का रिकार्ड है। गौरतलब है कि रोहतक में 65.69% मतदान हुआ है। महम में 69.80%, गढ़ी-सांपला-किलोई में 69.78%, रोहतक में 60.71% और कलानौर (अनुसूचित जाति) में 66.93% मतदान हुआ है। झज्जर जिले की बहादुरगढ़ विधानसभा में 59.34%, बादली विधानसभा में 65.71%, झज्जर (अनुसूचित जाति) में 65.26% और बेरी में 64.97% मतदान हुआ है। रेवाड़ी जिले की कोसली विधानसभा में 68.76% मतदान हुआ है।

रोहतक का सियासी रुतबा

संयुक्त पंजाब के समय 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में हरियाणा में सात लोकसभा क्षेत्र थे। इसमें रोहतक से चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा सांसद बने थे। उस समय रोहतक लोकसभा क्षेत्र के अंदर सोनीपत जिला भी आता था। 1957 में भी रणबीर हुड्डा ने ही जीत हासिल की। 1962 के लोकसभा चुनाव में रणबीर सिंह हुड्डा ने कलानौर से विधानसभा चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने रणधीर सिंह बैंयापुर को लोकसभा का टिकट दिया, लेकिन वे पहली बार चुनाव मैदान में उतरे जनसंघ के चौधरी लहरी सिंह से हार गए।

हालांकि 1967 के लोकसभा चुनाव में रणधीर सिंह जनसंघ के रामरूप को हराने में कामयाब रहे। इसी बीच 1977 के लोकसभा चुनाव आपातकाल की छाया में हुए। कांग्रेस छोड़कर प्रोफेसर शेर सिंह नवगठित जनता पार्टी में आ गए और उन्होंने कांग्रेस के चौधरी मनफूल सिंह को रिकॉर्ड 2 लाख 59 हजार 645 वोटों से हरा दिया।

1991 से 2019 तक लगातार रहा कांग्रेस का कब्जा

1980 में जनता पार्टी (सेक्लयूर) ने स्वामी इंद्रवेश, 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रोफेसर हरद्वारीलाल, जबकि 1989 के लोकसभा चुनाव में जनता दल के प्रत्याशी चौधरी देवीलाल ने कांग्रेस के प्रोफेसर हरद्वारी लाल को हरा दिया। इसके बाद कांग्रेस का अब तक दबदबा कायम है। 1991,1996 व 1998 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, 1999 में लोकदल के कैप्टन इंद्र सिंह, 2004 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, 2005 के उप चुनाव, 2009 व 2014 में दीपेंद्र हुड्डा व 2019 में अरविंद शर्मा सांसद बने।

सबसे ज्यादा मत लेने का रिकॉर्ड जनता पार्टी के प्रोफेसर शेर सिंह पर

लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा मत लेने का रिकॉर्ड जनता पार्टी के प्रोफेसर शेर सिंह पर है, जिन्होंने 1980 के चुनाव में रिकॉर्ड 80.3 प्रतिशत वोट हासिल की थी। इसके बाद 2009 में दीपेंद्र हुड्डा ने 70 प्रतिशत वोट हासिल की थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम विजय होने के साथ 30 प्रतिशत वोट लेने का रिकॉर्ड नाम है। 1998 के लोकसभा चुनाव में सबसे करीबी मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व ताऊ देवीलाल के बीच हुआ था। देर रात तक मतगणना चलती रही। हुड्डा 383 वोट से जीत हासिल करने में कामयाब हुए थे।

जाने दीपेंद्र के बारे में

दीपेंद्र सिंह हुड्डा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक राजनेता हैं, जिन्होंने हरियाणा के रोहतक निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार संसद सदस्य (एमपी) के रूप में कार्य किया है। उनका जन्म 4 जनवरी, 1978 को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और आशा हुड्डा के घर हुआ था। 2005 में राजनीति में प्रवेश करने पर हुड्डा सबसे कम उम्र के सांसद थे। उन्हें विभिन्न क्षेत्रों – ग्रामीण बुनियादी ढांचा, जल, कृषि, शिक्षा और ऊर्जा में विशेषज्ञता हासिल है। राजनीति में प्रवेश करने से पहले, हुड्डा ने भारत और अमेरिका में विभिन्न संगठनों के साथ काम किया था – जिसमें इंफोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और सब्रे कॉर्पोरेशन शामिल हैं। दीपेंद्र हुड्डा के पास भिवानी के टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्सटाइल एंड साइंसेज से बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी और रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री है।

राजनीतिक सफ़रनामा 

हुड्डा 2020 में राज्यसभा के लिए चुने गए और इससे पहले तीन बार रोहतक से लोकसभा के लिए चुने गए। 16वीं लोकसभा के दौरान, वे संसद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सचेतक थे। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिषद के निर्वाचित बोर्ड सदस्य के रूप में विभिन्न क्षमताओं में कई अन्य वैधानिक और संसदीय निकायों में भी काम किया; ऊर्जा पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य के रूप में; सांसदों के भारत-यूके फोरम के अध्यक्ष के रूप में। अतीत में, वे वित्त, विदेश मामले, कृषि और मानव संसाधन विकास की संसदीय स्थायी समितियों के सदस्य रहे हैं।
संसद सदस्य के रूप में अपने 15 वर्षों में, उन्होंने झज्जर में एक आईआईएम, भारत का सबसे बड़ा कैंसर संस्थान, एक आईआईटी विस्तार परिसर , रोहतक में 5,500 एकड़ का आईएमटी स्थापित करने में मदद की, जिसमें मारुति सुजुकी, एशियन पेंट्स, सुजुकी मोटरसाइकिल और अन्य जैसी कंपनियां हैं, जिन्होंने 5,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया, इसके अलावा अपने निर्वाचन क्षेत्र में एफडीडीआई और आईएचएम की स्थापना की। वे शिक्षाविदों में लगे हुए हैं और उन्हें इंडियाना यूनिवर्सिटी , ब्लूमिंगटन के केली स्कूल ऑफ बिजनेस में लीडर-इन-रेजिडेंस नामित किया गया था – इसके बिजनेस और गवर्नमेंट के पोलिंग चेयर।

वे अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं जो सार्वजनिक सेवा में हैं

उनके पिता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने दो कार्यकालों के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया, जबकि उनके दादा, रणबीर सिंह हुड्डा , एक स्वतंत्रता सेनानी, संविधान सभा के सदस्य, रोहतक से पहली और दूसरी लोकसभा के सदस्य और पंजाब में मंत्री (जब हरियाणा पंजाब का हिस्सा था) और राज्यसभा के सदस्य थे। उनके परदादा चौधरी मातु राम एक समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर काम किया था ।

राजनीति में आने से पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया

दीपेंद्र ने 27 वर्ष की आयु में 2005 में लोकसभा के लिए चुने जाने से पहले भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में विभिन्न कंपनियों में काम किया था। उन्होंने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (1999- 2000) में एक प्रबंधन प्रशिक्षु के रूप में की और फिर बेंगलुरु में उनके परिसर में इंफोसिस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (2000-2001) के साथ एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया।
इसके बाद उन्होंने इंडियाना यूनिवर्सिटी के केली स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के लिए कुछ समय का ब्रेक लिया, जहां उन्होंने फाइनेंस और स्ट्रैटेजी में पढ़ाई की। एमबीए के बाद, वे अमेरिकन एयरलाइंस/सेबर होल्डिंग्स, डलास, यूएसए में सीनियर मैनेजर (2003-2005) के रूप में शामिल हुए। [9] उन्हें मैकिन्से एंड कंपनी में नौकरी का ऑफर मिला और वे नौकरियों के बीच एक छोटा ब्रेक लेने के लिए भारत आए, लेकिन फिर सार्वजनिक सेवा में जाने का फैसला किया। उन्होंने अक्टूबर, 2005 में रोहतक से लोकसभा उपचुनाव लड़ा और जीता।

एक नजर दीपेंद्र की शैक्षणिक योग्यता

दीपेंद्र हुड्डा के पास बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी और मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और कानून में स्नातक की डिग्री है। उन्होंने भिवानी के टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्सटाइल एंड साइंसेज से इंजीनियरिंग की, फिर बिरला एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा प्रबंधित किया गया। उन्होंने ब्लूमिंगटन के इंडियाना विश्वविद्यालय में केली स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया , जहां उन्होंने वित्त और रणनीति में प्रमुखता हासिल की। ​​इंडियाना विश्वविद्यालय में, उन्हें मानद बीटा गामा सिग्मा (कक्षा के शीर्ष 1%) से सम्मानित किया गया और सर्वसम्मति से विश्वविद्यालय में एशियाई छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए।
इस अवधि के दौरान, उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में `एशियाई बिजनेस कॉन्फ्रेंस` आयोजित करने में संयुक्त राज्य अमेरिका के शीर्ष 15 बिजनेस स्कूलों के एशियाई छात्रों की टीम का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। उन्होंने प्रतिष्ठित कैम्पस लॉ सेंटर, विधि संकाय , दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की है (2016-17 से 2019-20 तक)। उन्होंने मेयो कॉलेज, अजमेर, [10] दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर.के. पुरम और मॉडल स्कूल, रोहतक में पढ़ाई की।

दीपेंद्र के पुरस्कार एवं सम्मान

विश्व आर्थिक मंच के युवा वैश्विक नेता (YGL): उन्हें वर्ष 2011 में युवा वैश्विक नेता के रूप में नामित किया गया था।एमआईटी का भारत अस्मिता जन प्रतिनिधि श्रेष्ठ पुरस्कार: 2010 में उन्हें शिक्षा और बिजली उत्पादन के माध्यम से ग्रामीण विकास की दिशा में उनके काम के लिए संसदीय प्रथाओं के सर्वश्रेष्ठ युवा प्रतिपादक के लिए भारत अस्मिता जन प्रतिनिधि श्रेष्ठ पुरस्कार मिला। उन्हें 2019 में श्रेष्ठ संसद पुरस्कार मिला

वैवाहिक जीवन

दीपेंद्र हुड्डा ने नाथूराम मिर्धा की पोती श्वेता मिर्धा से शादी की, जो राजस्थान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं। उनकी बड़ी बहन ज्योति मिर्धा राजस्थान के नागौर से कांग्रेस की पूर्व सांसद हैं। ज्योति मिर्धा की शादी इंडियाबुल्स रियल एस्टेट के उपाध्यक्ष नरेंद्र गहलोत से हुई है। श्वेता और दीपेंद्र का एक छोटा बेटा केसरबीर है, जिसने स्कूल जाना शुरू कर दिया है। हुड्डा की पहली शादी गीता ग्रेवाल से हुई थी, 2005 में उनका तलाक हो गया था।

यह भी पढ़ें : Haryana Loksabha Results 2024 : हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर काउंटिंग जारी, देखें पल-पल की अपडेट

यह भी पढ़ें : Haryana Lok Sabha Election Result 2024 : 223 लोकसभा उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज

Anurekha Lambra

Share
Published by
Anurekha Lambra

Recent Posts

Haryana Assembly Election : हरियाणा की चर्चित सीटें, जिन पर टिकी हैं सबकी निगाहें 

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Assembly Election : हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान की…

3 hours ago

Rohtak Crime News : जागरण में गया था परिवार, पीछे से चोरों ने किया लाखों की नगदी और जेवरों पर हाथ साफ

चोर करीब 10.50 लाख रुपए की नगदी और करीब दो लाख रुपये के गहने और…

3 hours ago

Road Accident : तेज रफ्तार कार की टक्कर से तीन वर्षीय बच्ची की मौत

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Road Accident : पानीपत में एक तेज रफ्तार कार की टक्कर से…

4 hours ago

Panipat Crime : जान से मारने की नीयत से पति ने पत्नी की गर्दन पर तवे से छह बार किए वार, गंभीर चोटें आई

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Panipat Crime : पानीपत के गांव नरायणा में देर रात को पति…

4 hours ago

Faridabad में अज्ञात बाइक सवारों ने भाजपा कार्यकर्ता को मारी गोली

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Faridabad : फरीदाबाद में शनिवार को मतदान के दौरान चुनावी ड्यूटी पर…

5 hours ago

Jind News : जींद के नागक्षेत्र सरोवर में डूबने से युवती की मौत 

परिजनों ने पार्लर संचालक पर कार्रवाई करने की मांग की India News Haryana (इंडिया न्यूज), Jind…

5 hours ago