India News (इंडिया न्यूज), NISA President Kulbhushan Sharma : निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 134-ए के तहत अरबों रुपए भुगतान गरीब बच्चों की शिक्षा का प्राइवेट स्कूलों को देना हैं, जिसमें सरकार हमेशा आनाकानी करती हैं और अभिभावकों को यह सन्देश देती रही हैं कि प्राइवेट स्कूल गरीबों को नहीं पढ़ाना चाहते थे। जबकि हकीकत यह हैं कि आठ वर्ष से हजारों बच्चों को प्राइवेट स्कूल 134-ए के तहत बिना भुगतान के पढ़ा रहे हैं और सरकार उनका भुगतान नहीं कर रही हैं, जिससे उनकी आर्थिक हालत चरमरा गई है।
NISA President Kulbhushan Sharma : सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई
कुलभूषण शर्मा ने कहा की 134-ए ख़त्म हुए भी कई वर्ष हो गए हैं। फिर भी 134-ए के बच्चों के बारे में सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई हैं, जिससे प्राइवेट स्कूलों में अंदर ही अंदर सरकार के प्रति गहरा आक्रोश हैं। सरकार को इसको तुरंत गंभीरता से लेना चाहिए। अन्यथा सरकार को यह आक्रोश महंगा साबित हो सकता हैं। 134-ए के मामले में सरकार ना तो कानून का ध्यान कर रही हैं, जिसके अनुसार उन्हें स्कूल की फीस या सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे पर होने वाले खर्च में से जो भी न्यूनतम हो वह भुगतान करना चाहिए।
मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना चिराग को भी लाल फीताशाही का शिकार होना पड़ा
उन्होंने कहा की सरकार ने जब आरटीई में 1750 रुपए राशि आरटीई के तहत पढ़ने वाले 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को 1750 रुपए प्रति विद्यार्थी को 134-ए में अगला और पिछला बकाया भुगतान करने के आदेश तुरंत जारी करने चाहिए। शर्मा ने कहा इसी प्रकार मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना चिराग को भी लाल फीताशाही का शिकार होना पड़ा है और उसके तहत दाखिल और शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों का भी भुगतान सरकार द्वारा नहीं किया गया है, गरीबी रेखा से नीचे आने वाले विद्यार्थियों को निजी विद्यालयों में शिक्षा दिलाने वाले दावे धरातल पर पूरे विफल हो चुके हैं।