अनुरेखा लाम्बरा, India News (इंडिया न्यूज), Homeopathic Treatment For Wheat Allergy : गेहूं से होने वाली एलर्जी यह ग्लूटेन के प्रति शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है, होम्योपैथिक उपचार और दवाओं से इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एलर्जी प्रतिक्रिया उत्पन्न करती है। पानीपत की सुप्रसिद्ध क्लासिकल होम्योपैथी डॉ जयश्री मलिक ने बताया कि गेहूं से एलर्जी के लक्षणों में श्वसन समस्या, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल गड़बड़ी और पित्ती शामिल हैं। कुछ लोग जो गेहूं उत्पादों के संपर्क में आते हैं उनमें कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। गेहूं की एलर्जी अथवा सीलिएक रोग से पीड़ित मरीजों को जीवन भर ग्लूटेन-मुक्त आहार की सलाह दी जाती है। यह उन लोगों के लिए बहुत निराशाजनक है जो गेहूं से बने उत्पाद खाते हैं।
होम्योकेयर का दृष्टिकोण
डॉ जयश्री मलिक ने बताया ने बताया कि गेहूं की एलर्जी के लिए होम्योपैथिक दृष्टिकोण शरीर की बिगड़ी हुई प्रतिरक्षा को वापस व्यवस्थित करना है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को इस तरह से बनाता है कि आप बिना किसी डर के अपने पसंदीदा गेहूं उत्पादों का आनंद ले सकते हैं।
सीलिएक रोग या गेहूं से एलर्जी
डॉ जयश्री मलिक ने बताया गेहूं में विभिन्न प्रोटीन होते हैं, और उनमें से एक प्रमुख है ग्लूटेन। जब किसी व्यक्ति को यह एलर्जी होती है, तो वह ऐसा कुछ भी नहीं पी या खा सकता है, जिसमें सामान्य तत्व हों और समस्या एक ऑटोइम्यून स्थिति है। ऐसी ऑटोइम्यून स्थितियों का इलाज केवल क्लासिकल होम्योपैथी में ही संभव है।
गेहूं से होने वाली एलर्जी के लक्षण
डॉ जयश्री मलिक ने बताया कि गेहूं की एलर्जी की अभिव्यक्तियों में त्वचा की जलन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा, श्वसन संबंधी समस्याएं और बहुत कुछ शामिल हैं। त्वचा पर खुजली, जलन और सूजन, पेट फूलना, आंखों में खुजली होने लगती है और पानी आने लगता है, आंखें लाल हो जाती हैं, घबराहट या दमा का लक्षण,पेट में ऐंठन, त्वचा पर धब्बे होना।
होम्योपैथी में समस्या के मूल कारण पर दिया जाता है जोर
डॉ जयश्री मलिक ने बताया कि क्लासिकल होम्योपैथी एक समग्र दृष्टिकोण का पालन करती है, इसीलिए इसमें समस्या के मूल कारण पर जोर दिया जाता है। होम्योपैथिक डॉक्टर उपचार योजना प्रदान करता है जो संपूर्ण स्वास्थ्य में बदलाव सुनिश्चित करता है। उन्होंने बताया कि एलर्जी दूर करने के लिए होम्योपैथी में कई तरह की दवाइयाँ उपलब्ध है, लेकिन ध्यान रखें कि इन दवाइयों का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह अनुसार ही करें दवा कैसे, कब और कितनी मात्रा में लेनी है इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूर ले डॉक्टर आपकी स्थिति अनुसार आपको डोज़ निर्धारित करता है।