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Kuhu Garg Selected In UPSC : यूपीएससी में चयनित और अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी रहीं कुहू गर्ग पहुंची अपने पैतृक़ गांव 

• LAST UPDATED : April 21, 2024
  • कुहू गर्ग का अपने पैतृक गांव कुराना में पहुंचने पर लोगों ने जोरदार स्वागत किया

India News (इंडिया न्यूज), Kuhu Garg Selected In UPSC : भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित और अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी रहीं कुहू गर्ग का रविवार को अपने पैतृक गांव कुराना में पहुंचने पर लोगों ने जोरदार स्वागत किया और अपनी बेटी को दिल खोलकर आंखों पर बैठाया। अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन होने के बाद कुहू रविवार को अपने गांव में अपनी कुलदेवी की पूजा के लिए अपने परिवार के साथ पहुंची थी।

 

Kuhu Garg Selected In UPSC

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अपनी कुलदेवी की पूजा अर्चना की

उनके साथ उनके पिता और उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक और वर्तमान में राई खेल विश्वविद्यालय के कुलपति अशोक गर्ग, उनकी माता अलकनंदा, ताऊ नरेश गर्ग, भाई मनोज गर्ग और प्रमोद गर्ग के साथ-साथ उनके पारिवारिक सदस्य भी उपस्थित रहे। कुहू गर्ग ने अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ गांव में पहुंचने पर पारंपरिक रीति रिवाज के साथ अपनी कुलदेवी की पूजा अर्चना की। यही नहीं उन्होंने गौशाला में गायों को चारा भी खिलाया।

 

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पीड़ितों को न्याय दिलवाना उनकी प्राथमिकता रहेगी

कुहू गर्ग ने बताया कि वह इस सम्मान से अभिभूत हैं और उन लोगों के लिए कृतज्ञता प्रकट करती हैं जिन्होंने मेरे इस सफर में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर मेरा साथ दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें आज यूपीएससी की सेवा में आने के बाद गर्व महसूस हो रहा है और निश्चित तौर पर सिविल सर्विस में आने के बाद वह देश और समाज की सेवा अच्छी तरह से कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलवाना उनकी प्राथमिकता रहेगी। कुहू गर्ग ने बताया कि उनकी इस उपलब्धि में परिवार का बहुत बड़ा हाथ है। खासकर उनके पिता और उनके वरिष्ठ लोगों ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया और उनका मार्गदर्शन किया।

चोट बनी लक्ष्य तक पहुंचाने का माध्यम : कुहू गर्ग

उन्होंने बताया कि वह बैडमिंटन की एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी हैं और 2021 में जब उन्हें खेल के वक्त एक बड़ी चोट लगी तो उस चोट से उबरने के लिए डेढ़ साल लगा और वह समय लॉकडाउन का था। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी काफी समस्याएं आने लगी लेकिन उन्होंने इस चोट को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और इसका फायदा उठाया और करीब डेढ़ साल तक पढ़ाई कर लगातार मेहनत की और इस लक्ष्य को हासिल किया। कुहू गर्ग ने बताया कि उनके पिता ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गाइड किया और उनके पिता द्वारा लिखी गई तीन पुस्तकों और ली गई ऑनलाइन कोचिंग व सामान्य ज्ञान ने इस लक्ष्य तक पहुंचाने का रास्ता आसान किया।

 

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एक माता–पिता के लिए सबसे बड़ा सम्मान : अशोक गर्ग

उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी और वर्तमान में राय विश्वविद्यालय के कुलपति अशोक गर्ग ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी की उपलब्धि पर बहुत बड़ा गर्व है और एक माता–पिता के लिए इससे बड़े सम्मान की बात क्या हो सकती है कि उनकी बेटी ने यह मुकाम हासिल किया है।

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