India News Haryana (इंडिया न्यूज), Budget 2024-25 : मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने सातवां बजट पेश किया। इसमें कई बातें वित्त मंत्री द्वारा बताई गई। सरकार ने एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए दिए। बता दें कि इसका लाभ हरियाणा, यूपी और महाराष्ट्र के किसान को भी होगा। वहीं शिक्षा, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए 1,48,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिसका लाभ भी देश के युवा को होगा। इसमें हरियाणा, यूपी और महाराष्ट्र का युवा भी शामिल हैं। साथ ही ढांचागत विकास के लिए 11,11,111 लाख करोड़ रुपए का लाभ भी होगा।
वहीं बजट को लेकर केंद्रीय एवं शहरी आवास मंत्री मनोहर लाल ने प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा कि केंद्रीय बजट 2024-25 में शहरों के सुनियोजित विकास हेतु 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों में आवागमन संबंधी विकास योजनाएं प्रस्तावित हैं। 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत कवर किया जाएगा।
हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने भी बजट को लेकर प्रतिक्रिया दी है। सीएम ने प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रतिमान रखे हैं ,उन्हें गति देने में ये बजट मील का पत्थर साबित होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकसित भारत के साथ-साथ ग़रीब कल्याण और मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं का भी पूरा ध्यान रखा है। ये बजट संतुलित, सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी और विकासोन्मुखी है।
आम बजट 2024-25 ‘विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज है। बजट में गांव, गरीब, किसान, महिला,नौजवान समेत समाज के सभी तबकों के समग्र विकास का संकल्प हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दृष्टि और वंचित को वंचना से मुक्त कराने का रोडमैप है। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रदान करते हुए प्रत्यक्ष कर प्रणाली के संबंध में नए प्रावधानों की घोषणा स्वागत योग्य है। ‘नए भारत’ को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और विश्व का ग्रोथ इंजन बनाने का मार्ग प्रशस्त करते इस लोक-कल्याणकारी बजट के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार एवं मा. केंद्रीय वित्त मंत्री जी का हार्दिक अभिनंदन।
बजट को लेकर कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार पर सरकार का फोकस देखकर उत्साहित हूं।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने बजट को युवाओं के लिए झुनझुना बताते हुए कहा कि इसमें नए रोजगार के लिए कोई रास्ता नहीं दिया गया है।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि मोदी 3.0 के बजट में निराशा और हताश के सिवाय कुछ भी नहीं है। सरकार ने मध्यम वर्ग, युवाओं, किसानों, एससी-एसटी-बीसी की उपेक्षा की है। ऐसा लग रहा है कि एससी-एसटी-बीसी वर्ग को बीजेपी के खिलाफ वोट न देने की सजा दी है, नई कर व्यवस्था में मूल छूट बढ़ाकर तीन लाख की गई है जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है, एक बार फिर लोगों के हाथों निराशा लगी है। लंबे-चौड़े झूठे वायदे करने वाली भाजपा सरकार ने बजट के नाम पर जनता को गुमराह करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि इससे वेतनभोगी को 17500 रुपये तो गैर वेतनभोगी तो 10 हजार रुपए का ही लाभ होगा। सरकार ने किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है, बजट में न एमएसपी का उल्लेख और न ही कर्ज से कोई राहत दी गई है। डीजल-कीटनाशक दवाई-खाद की कीमत भी कम नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि युवाओं के हाथों में झुनझुना थमाया गया है। नए रोजगार का कोई रास्ता नहीं। राहुल गांधी ने कांग्रेस की सरकार बनने पर एक युवाओं को एक लाख रुपये इंटर्नशिप देने का वायदा किया था, भाजपा सरकार ने राहुल गांधी की घोषणा की नकल तो की पर युवाओं को इंटर्नशिप नाम मात्र की रखी है।
वहीं अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्रीय वार्षिक बजट से देश व प्रदेश के व्यापारियों को निराशा हाथ लगी है। केंद्रीय वार्षिक बजट में ना ही GST की दरों में किसी प्रकार की छूट दी गई है। ना ही व्यापार व उद्योग को बढावा देने के लिए कोई छूट दी गई है।
केंद्रीय वार्षिक बजट सिर्फ आंकड़ों का खेल है, जबकि देश के व्यापारियों को उम्मीद थी कि सरकार GST की दरों में रियायतें देगी, लेकिन सरकार ने व्यापारियों को छूट ना देकर व्यापार व उद्योगों पर अंकुश लगाने का काम किया है। जबकि व्यापार व उद्योगों के माध्यम से लाखों युवाओं को रोजगार मिलता है। सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में युवाओं को रोजगार देने के रास्ते बंद करने का काम किया है। वार्षिक बजट से बेरोजगारों को रोजगार मिलने की बजाए पहले से और ज्यादा बेरोजगारी बढ़ेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करके किसानों के लिए कई योजनाओं का जिक्र किया है, जिसमें नेचुरल फार्मिंग की बात, कृषि के लिए बजट की बात, किसान क्रेडिट कार्ड का जिक्र किया है। किसानों का कहना है कि किसानों को कर्ज नहीं चाहिए उन्हें MSP चाहिए, सरकार जो योजनाएं लेकर आई है वो पूरी भी होनी चाहिए। सरकार ने जो 109 नई वैरायटी का जिक्र किया उस पर कहा कि ये आने पर पता चलेगा कि ये किस तरह की वैरायटी है। अलग-अलग किसानों की इस बजट पर अलग-अलग राय है। ऐसे में देखना ये होगा कि सरकार की तरफ से जो किसानों को लेकर बजट की बात की गई है। उससे कितना फायदा किसानों को होता है।
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