India News (इंडिया न्यूज़), Ambala News, चंडीगढ़ : अंबाला के बराड़ा क्षेत्र में परपंराओं से हटकर दो बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया, इतना ही नहीं उन्हें मुखाग्नि भी स्वयं दी। आपको जानकारी दे दें कि बराड़ा के गांव बिंजलपुर निवासी कैप्टन रामकिशन का निधन हो गया था। कैप्टन ने 29 वर्ष तक भारतीय सेना सेवानिवृत्त थे। अगर उनके परिवार की बात करें तो उनमें उनकी पत्नी रामप्यारी और 3 बेटियां हैं। सभी की शादी भी हो चुकी है।
पिता रामकिशन ने हमेशा अपनी बेटियों को बेटे से बढ़कर माना। वे हमेशा कहते थे कि उनकी ये 3 बेटियां ही उनके बेटे हैं। भारत में जन्मे संतों-महापुरुषों व परम श्रद्धेय भिक्खु डॉ. करुणाशील राहुल की सद्प्रेरणा से कैप्टन रामकिशन की पुत्री रमा बौद्ध ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। उसके साथ छोटी बहन सोनू रानी और बहन शिवानी ने भी कैप्टन रामकिशन की अर्थी को कंधा और अग्नि दी।
वहीं बेटी रमा बौद्ध का कहना है कि भारत का संविधान महिला-पुरुष को समान रूप से स्वतंत्रता और अधिकार देता है। देश की प्रगति के लिए पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। वहीं, कैप्टन रामकिशन की याद में परिवारजनों ने घर के आंगन में अस्थियों पर एक आम का पौधा लगाया।
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