डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Lok Sabha Election 2024 : हरियाणा में लोकसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी दल चुनावी तैयारियों को लेकर लगातार ऐडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस ने सभी लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, लेकिन कई पार्टी दिग्गजों के टिकट कटने की भी चर्चा सत्ता के गलियारों में जमकर छाई हुई है। राजनीतिक जानकारों का मानना है टिकट के दावेदार रहे जिन नेताओं की टिकट भाजपा या कांग्रेस ने काटी है, वो लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।
कांग्रेस में ऐसी कई सीटें हैं, जिन पर टिकट के तगड़े दावेदारों का टिकट काटने से पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों को इसके संभावित नुकसान का डर सता रहा है। हालांकि पार्टी बेशक कह रही है कि टिकट नहीं पाने वाले कैंडिडेट नाराज नहीं हैं, लेकिन इस बात से कोई इनकार नहीं है कि पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों की राह आसान नहीं है।
करनाल लोकसभा सीट से दिग्गज कांग्रेस नेता प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम है। वो बेटे चाणक्य शर्मा के लिए पार्टी से टिकट के दावेदारों में थे, लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कुलदीप शर्मा का परिवार प्रदेश व देश की राजनीति में एक बड़ा नाम है। उनके पिता करनाल लोकसभा सीट से ही 4 बार सांसद रह चुके हैं।
करनाल लोकसभा के अलावा कई जिलों में उनका ब्राह्मण समुदाय के अलावा अन्य वर्ग के लोगों में भी खासा प्रभाव है। ऐसे में उनकी अनदेखी पार्टी को भारी पड़ सकती है। कुलदीप शर्मा लगातार प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं और वो विधानसभा स्पीकर भी रह चुके हैं। कुलदीप शर्मा लगातार लोगों की आवाज सदन के अंदर और बाहर उठाते रहे हैं। ऐसे में करनाल लोकसभा में निरंतर चर्चा है कि कुलदीप शर्मा के बेटे को टिकट न देने का खमियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
वहीं कांग्रेस के अन्य नेताओं के भी टिकट कटने से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस विधायक किरण चौधरी की बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के लिए भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट मांग रही थी, लेकिन उम्मीदों के विपरीत पार्टी हाईकमान ने टिकट के लिए नकार दिया। श्रुति के बजाय धुर विरोधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे से संबंध रखने वाले पार्टी विधायक राव दान सिंह को पार्टी ने यहां चुनावी रण में उतार दिया। किरण चौधरी और हुड्डा के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई जारी है और इसी राजनीतिक खटपट के चलते बेटी को टिकट नहीं नहीं मिल पाया। इशारों-इशारों में वो कह चुकी हैं कि वो टिकट नहीं मिलने से काफी नाराज हैं।
उनके अलावा पिछले दिनों कांग्रेस ज्वाइन करने वाले दिग्गज चौधरी बीरेंद्र सिंह को भी टिकट वितरण से निराशा हाथ लगी। पार्टी उनके बेटे व पिछली बार भाजपा से सांसद रहे ब्रजेंद्र सिंह को टिकट ही नहीं दिया, जिसकी चर्चा जमकर राजनीतिक गलियारों में है। ब्रजेंद्र को हिसार और सोनीपत से टिकट का तगड़ा दावेदार माना जा रहा था, लेकिन कहीं से टिकट न मिलने के चलते उनका नाराजगी और निराशा लगातार जाहिर हो रही है। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस कहे या कैंडिडेट मदद मांगे तो मैं प्रचार करूंगा, लेकिन कांग्रेस के लिए वोट मांगूंगा।
सत्ताधारी भाजपा ने भी कई दिग्गजों के टिकट काट दिए हैं जिसके चलते उनकी नाराजगी सामने आ रही है। हिसार सीट से सांसद रहे और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को टिकट न मिलने पर भी उनकी नाराजगी सामने आई। इसके चलते वो पार्टी के उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला के प्रचार से दूर रहे।
इस दौरान कुलदीप और बेटे भव्य बिश्नोई के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए जिसमें टिकट न मिलने की वजह से पिता-पुत्र की नाराजगी साफ नजर आई। हिसार सीट पर कुलदीप बिश्नोई के परिवार का ठीक-ठाक प्रभाव है, ऐसे में उनकी नाराजगी पार्टी कैंडिडेट के लिए दिक्कत खड़ी कर सकती है। इसको देखते हुए सीएम नायब सैनी ने हिसार पर उनके आवास पर उनसे मुलाकात कर नाराजगी दूर करने की कोशिश की। हालांकि वो आदमपुर रैली में मौजूद रहे थे लेकिन फिलहाल तक चीजों के बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। इसके अलावा हिसार से दिग्गज कैप्टन अभिमन्यु भी टिकट नहीं मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं।
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