India News (इंडिया न्यूज), Platelets Increase Diet : प्लेट्सलेट्स हमारे खून का वह महत्तवपूर्ण भाग है जो खून का थक्का बनने में मदद करती हैं। ये लाल रक्त कणिकाओं (R.B.C.) और सफेद रक्त कणिकाओं (W.B.C.) दोनों से ही छोटी होती है। जब भी हमारे शरीर में कहीं चोट लगने से या अन्य किसी कारण से रक्तवाहिकायें फट जाती हैं और खून निकलना शुरू हो जाता है तो ये प्लेट्सलेट्स आपस में जुड़कर खून निकलने की जगह को ब्लॉक करके खून का थक्का बनने की प्रक्रिया को शुरू करवाती हैं।
खून में प्लेट्सलेट्स की संख्या 1,50,000 से 4,50,000 प्रति माइक्रो लीटर होती है। जब किसी के रक्त में प्लेट्सलेट्स की संख्या 1,50,000 से कम हो जाती है तो उसको प्लेट्सलेट्स का कम होना मान लिया जाता है। प्लेट्सलेट्स की सँख्या का पता लेबोरेट्री में रक्त की जांच के द्वारा हो जाता है।
पपीते की पत्तियों के रस का प्रयोग प्लेट्सलेट्स की संख्या को बढ़ाने के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। पपीते की पत्तियों का रस तैयार करने का तरीका निम्न प्रकार है।
पपीते की 4-5 ताजी पत्तियां लेकर उनको ताजे पानी में अच्छी तरह से धोकर सिल-बट्टे अथवा मिक्सी में चटनी जैसा बना लें। अब इसको साफ सूती कपड़े में ड़ालकर पोटली बाँधकर इसमे से रस निचोड़ लें और किसी साफ बर्तन में एकत्रित कर लें। यह रस दिन में दो बार ताजा निकालकर पीना है ।
प्लेट्सलेट्स की सँख्या बढ़ाने के लिये गिलोय का प्रयोग भी बहुत ही प्रभावकारी होता है। वस्तुत गिलोय को आयुर्वेद में अमृता भी कहा जाता है अर्थात जो मरती हुई प्लेट्सलेट्स को पुनः जिंदा कर दे। प्लेट्सलेट्स बढ़ाने के लिए गिलोय का तना प्रयोग में लाया जाता है। प्रयोग विधी निम्न प्रकार है
5 सेमी लम्बे गिलोय के तने के पांच टुकड़े लेकर उनको 2 गिलास ताजे पीनेमें रात भर के लिये भिगो दें। अगले दिन सुबह को इस पानी के अंदर तुलसी के पांच पत्ते और मिलाकर इसको गैस पर रख दें और तब तक उबालें जब तक पानी आधा अर्थात एक गिलास ही शेष रहे। अब इसको ठंडा होने दें और ठंडा होने पर पी लें। यह प्रयोग रोज सुबह खाली पेट करें।
गेंहूं के ज्वारों का जूस का सेवन करने से प्लेट्सलेट्स की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ती है। इस लाभ को उठाने के लिये विधी निम्न प्रकार है
एक गमले में साफ मिट्टी भरकर उसमें आधी मुठ्ठी गेंहूँ अथवा जौ डालकर रोज सुबह शाम थोड़ा-थोड़ा पानी डालिए। कुछ ही दिन में ही लगभग आठ-दस इंच लम्बे ज्वार उग जाएंगे। इन ज्वारों को नीचे की तरफ से काटकर मिक्सी में ड़ालकर उसमे बहुत थोड़ा सा पानी मिलाकर जूस तैयार कर लीजिये।
यह जूस एक गिलास रोज सुबह पीना चाहिये। यह जूस इतना लाभकारी होता है कि इसको हरा रक्त भी कहा जाता है। इस जूस को रोज पी सकने के लिए आपको आठ-दस गमलों में ज्वार उगाने चाहिए। रोज एक गमले के ज्वारे काटकर उसमें पुनः आधी मुठ्ठी गेहूं अथवा जौ तुरंत दोबारा डाल देने चाहिये जिससे बाकी गमलों के ज्वार समाप्त होते-होते इस गमले के ज्वारे पुनः तैयार हो जाए।
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