होम / Politics of Caste : कांग्रेस के बाद डिप्टी सीएम को लेकर इनेलो का जाति कार्ड, हरियाणा में अब तक 6 डिप्टी सीएम बने

Politics of Caste : कांग्रेस के बाद डिप्टी सीएम को लेकर इनेलो का जाति कार्ड, हरियाणा में अब तक 6 डिप्टी सीएम बने

• LAST UPDATED : November 2, 2023
  • हुड्डा चार जातियों से डिप्टी सीएम बनाने को कह चुके तो अब इनेलो बोली-एससी व बीसी वर्ग से बनाएंगे डिप्टी सीएम

  • हरियाणा में अब तक 6 दफा डिप्टी सीएम बनाए गए, फिलहाल आंध्र प्रदेश में 5 और 4 राज्यों में 2-2 डिप्टी सीएम 

India News (इंडिया न्यूज़), Politics of Caste, चंडीगढ़ : हरियाणा में होने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनाव की वैतरणी तरने के लिए तमाम राजनीतिक दल वोटर्स को लुभाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में पिछले दिन कांग्रेस दिग्गज व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो चार समुदाय के लोगों को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। इसको लेकर सत्ता के गलियारों में जमकर हलचल मच गई। उन्होंने कहा था कि ब्राह्मण, दलित, ओबीसी व सामान्य वर्ग से डिप्टी सीएम बनाया जाएगा।

इसी कड़ी में दो दशकों से सत्ता से दूर इनेलो ने भी अब दो डिप्टी सीएम बनाने की घोषणा कर दी है। इनेलो दिग्गज अभय़ सिंह चौटाला ने कहा कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो एससी व बीसी वर्ग से दो डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे। कुल मिलाकर सभी पार्टियों की मुख्य रूप से एससी व बीसी वर्ग के वोटर को लुभाने की जुगत है। भाजपा ने पिछले दिनों बीसी वर्ग के पार्टी सांसद नायब सिंह सैनी को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। पार्टी की भी कोशिश है कि पिछड़े वर्ग के वोटर्स को लुभाया जाए।

हरियाणा में सभी पार्टियों की 51 फीसदी एससी व बीसी आबादी को लुभाने पर नजर

हरियाणा में तमाम राजनीतिक दलों की नजर एससी व बीसी वोटरों पर है। आने वाले चुनावों में एससी व बीसी वर्ग का आंकड़ा देखते हुए साफ है कि ये दोनों वर्ग डिसाइडिंग फैक्टर साबित होने वाले हैं। हरियाणा में एससी व बीसी वर्ग की बात करें तो कुल जनसंख्या का ये करीब 51 फीसदी है। पीपीपी के आधार पर प्रदेश की कुल संख्या 2 करोड़ 83 लाख है। आंकड़ों के आधार पर देखें तो हरियाणा में एससी वर्ग के कुल 1368365 परिवार हैं।

ये कुल परिवारों का 20.71 फीसदी है, वहीं बीसी ए वर्ग के परिवारों की बात करें तो इनकी संख्या 1123852 हैं जो कुल परिवारों का 16.52 फीसदी बैठता है। बीसी बी वर्ग की संख्या 869079 है जोकि कुल जनसंख्या का 12.78 फीसदी है। इनमें से एससी वर्ग के लोगों की संख्या 5861131 है और कुल का 20.71 प्रतिशत है। ऐसे में प्रदेश की कुल जनसंख्या का 5वां हिस्सा एससी वर्ग का है। बीसी ए वर्ग के लोगों की संख्या 4793312 है जो कुल जनसंख्या का 16.93 फीसदी हैं। इनके अलावा बीसी बी कैटेगरी की संख्या 3797306 है। ये जनसंख्या का 13.41 फीसदी है। ये भी बता दें कि प्रदेश में 72 लाख परिवारों ने पीपीपी बनवाने के लिए आवेदन किया। इनमें से 68 लाख परिवारों का डाटा वेरीफाई हो चुका है।

प्रदेश में अब तक 6 डिप्टी सीएम बने, दुष्यंत का कार्यकाल सबसे लम्बा

वहीं आपको यह भी बता दें कि प्रदेश में अब तक अलग-अलग सरकारों में कई दफा डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। राजनीतिक परिदृश्य से पता चलता है कि हरियाणा में तक कुल 6 डिप्टी सीएम बने हैं। हरियाणा में कई दफा डिप्टी सीएम बनाने की जरूरत महसूस हुई और बने भी। सबसे पहली बार डिप्टी सीएम चांदराम को बनाया गया था। इसके बाद मंगल सेन और बनारसी दास गुप्ता भी डिप्टी सीएम रहे हैं।

फिर अलग-अलग सरकारों में हुकुम सिंह, चंद्र मोहन बिश्नोई और दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने। सभी 6 डिप्टी सीएम में वर्तमान डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कार्यकाल सबसे ज्यादा रहा है। वो अब तक 4 साल से ज्यादा समय बतौर डिप्टी सीएम सरकार में गुजार चुके हैं। उनके बाद दूसरे सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई हैं, जो हुड्डा सरकार में करीब 39 महीने डिप्टी सीएम के पद पर रहे।

मंत्री नहीं बन पाए तो पहले सरकार गिराई, फिर पहले डिप्टी सीएम बने चांदराम

हरियाणा के अस्तित्व में आने के महज 5 महीने बाद ही राज्य को राजनीतिक उठापटक से रूबरू होना पड़ा। राज्य बनने के कुछ महीनों बाद ही राज्य में पहला डिप्टी सीएम मिल गया था। वो थे चांदराम थे। वो मंत्री की कुर्सी नहीं मिलने से नाराज थे। उन्होंने तत्कालीन सरकार को गिराया ही, साथ में फिर दूसरी सरकार में डिप्टी सीएम की कुर्सी पाई। 1966 में संयुक्त पंजाब से अलग हुए हरियाणा के हिस्से के विधायक ज्यादा कांग्रेस के थे, इसलिए कांग्रेसी नेता पंडित भगवत दयाल शर्मा को प्रदेश का पहला सीएम बना दिया। उस समय देवीलाल, छोटू राम के भतीजे श्रीचंद और चांदराम भी कांग्रेस में थे। कैबिनेट मंत्री बनने की उम्मीदों को उस वक्त झटका लगा, जब उनका नाम मंत्रिमंडल की सूची से नदारद था। वो इसके चलते नाराज हो गए। उसके बाद की कहानी फिर सबके सामने हैं।

सत्ता में रहने और संतुलन के लिए पहले भी डिप्टी सीएम बने और अब भी…

जितनी भी बार डिप्टी सीएम बने वो कहीं न कहीं सत्ता में संतुलन बनाए रखने के मंतव्य के चलते ही वजूद में आए। पहली सरकार गिरने के बाद चांदराम को अगली सरकार में पहला डिप्टी सीएम बनाया गया, ताकि संतुलन बना रहे और राजपाट चलाने में कोई दिक्कत न आए। साल 2004 में जब भूपेंद्र हुड्डा को सीएम बनाया गया तो भजन लाल काफी नाराज हुए और पार्टी व हुड्डा के खिलाफ मुखर हो गए।

उनकी नाराजगी को दूर करने और संतुलन बनाए रखने के लिए उनके बड़े बेटे चंद्रमोहन को डिप्टी सीएम की कुर्सी पर बैठाया गया था। हालांकि वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। वर्तमान सरकार में जजपा सहयोगी है। भाजपा ने सरकार में बतौर हिस्सेदारी जजपा को डिप्टी सीएम की कुर्सी दी और दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने। वर्तमान डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को ये कुर्सी देने का कमोबेश मंतव्य वही रहा।

सत्ता में संतुलन बनाने के लिए कई राज्यों में डिप्टी सीएम बने,  जानिए स्थिति

इसी बीच एक्सपर्ट और पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया कि भारत के संविधान के संबंधित अनुच्छेदों (आर्टिकल्स) में कहीं भी राज्य/प्रदेश में उप-मुख्यमंत्री और केंद्र में उप-प्रधानमंत्री के पद का उल्लेख नहीं है, फिर भी समय-समय पर राजनीतिक विवशताओं और गठबंधन सरकारों की आवश्यकता के फलस्वरूप  सत्ताधारी पार्टियों या गठबंधनों द्वारा उपप्रधानमंत्री/उपमुख्यमंत्री बनाए जाते रहे हैं। वर्तमान में भारत में आंध्र प्रदेश में 5 जबकि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय और नागालैंड में 2-2 उपमुख्यमंत्री है। अरुणाचल, बिहार, छत्तीसगढ़,  हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम और कर्नाटक में एक-एक उप मुख्यमंत्री हैं।

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT