The purchase of papers written by professional writers is a fantastic way to boost your grades and write paper for me eliminate stress when writing. The essays aren’t easy to write especially when you’re working under a time-bound deadline. With the help from a professional writer you’ll have your assignment complete punctually.
India News (इंडिया न्यूज), Earthquake In Haryana-Punjab : हरियाणा और पंजाब में गुरुवार शाम को 6.10 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 दर्ज की गई। बंद जमीन से 10 किलोमीटर नीचे हुई हलचल के कारण धरती में कंपन महसूस हुई।लोग सहम गए और अपने घरों से बाहर निकल आए। पंजाब की सीमा से सटे सिरसा के मंडी डबवाली के पास भूकंप का केंद्र रहा।
Earthquake In Haryana-Punjab : जोन 2 में सबसे कम खतरा
उल्लेखनीय है कि भूकंप के झटके सिरसा के अलावा राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और पंजाब के अबोहर, बठिंडा और मानसा क्षेत्र में भी महसूस की गई। वहीं यह क्षेत्र भूकंप के जोन 2 में आता है। आमतौर पर ऐसे क्षेत्र में भूकंप का सबसे कम खतरा रहता है। भारत में भूकंप को 4 जोन में बांटा गया है। जिसमें जोन 2, 3, 4 और 5 शामिल हैं। इसको खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन 2 में सबसे कम खतरा और जोन 5 में सबसे अधिक खतरा होता है।
4 महीने में तीसरी बार हिली धरती
मैप में जोन 2 को आसमानी रंग, जोन 3 को पीला रंग, जोन 4 को संतरी रंग और जोन 5 को लाल रंग दिया गया है। इसमें रोहतक जिले का दिल्ली साइड का क्षेत्र जोन 4 व हिसार साइड का क्षेत्र जोन 3 में आता है। एक महीने पहले भी हरियाणा के सोनीपत से 6.7 किमी (4.2 मील) दूर 2.4 तीव्रता का हल्का भूकंप आया था, हालांकि इस भूकंप से किसी प्रकार के जान माल को नुकसान नहीं पहुंचा था। 11 जनवरी को हरियाणा, पंजाब के साथ-साथ दोनों राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ में दोपहर 3 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। अफगानिस्तान के हिंदुकुश में भूकंप का केंद्र रहा था। 4 महीने में तीसरी बार धरती हिली है।
बार-बार भूकंप का आखिर क्या है कारण
जानकारी मुताबिक उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है, जिसमें अनगिनत दरारें होने की वजह से इसमें गतिविधियां चल रही है। इसमें जब प्लेट मूवमेंट होती है तो इसके आपस में टकराने से कंपन पैदा होता है। जिससे भूकंप के झटके महसूस होते है। वहीं विशेषज्ञों के अनुसार घरों में भूकंप से बचने के लिए भूकंप रोधी पदार्थ से मकान बनाने चाहिए। 2-3 मंजिल से ज्यादा ऊंचा मकान भी नहीं बनाना चाहिए। इसके अलावा मकान बनाने से पहले मिट्टी की जांच के अलावा अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।